शौचालय के पानी में बर्फ डालकर थैलियों को किया जाता है ठंडा अंबेडकर कॉलेज के पास बना निगम का शौचालय है बदहाल
सड़कों पर बिक रहा है निगम के शौचालय में रखा थैली बंद पानी।
अगर आप अपनी प्यास बुझाने के लिए थैली बंद पानी पीते हैं तो सतर्क हो जाइए। हो सकता है कि वह पानी शौचालय से जाकर आपको दिया गया हो। चौंकिए नहीं, यह सच है। वजीराबाद रोड के डॉ.भीमराव अंबेडकर कॉलेज के पास बना पूर्वी दिल्ली नगर निगम का शौचालय इन दिनों थैली बंद पानी का स्टोर रूम बना हुआ है।
कुछ लोग शौचालय में लगी टोंटी के पानी को बाल्टी में भरकर उसमें बर्फ डालकर थैलियों में डालते हैं और उसके बाद सड़कों पर उन थैलियों को दो-दो रुपये में बेच रहे हैं। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी निगम के अधिकारियों
को नहीं है। वे इस बात से वाकिफ हैं, लेकिन निगम का लोगों के स्वास्थ्य सेक्या लेना देना।।
कुछ लोग शौचालय में लगी टोंटी के पानी को बाल्टी में भरकर उसमें बर्फ डालकर थैलियों में डालते हैं और उसके बाद सड़कों पर उन थैलियों को दो-दो रुपये में बेच रहे हैं। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी निगम के अधिकारियों
को नहीं है। वे इस बात से वाकिफ हैं, लेकिन निगम का लोगों के स्वास्थ्य सेक्या लेना देना।।
यहां महिला और पुरुष दोनों के शौचालय पास में बने हैं। शौचालयों के अंदर की स्थिति ऐसी है कि कोई व्यक्ति इन में शौच करना नहीं चाहता। शौचालयों की इन बदहाली पर निगम आंखें मूंदे बैठा है तो वहीं कुछ लोग इसका फायदा उठा रहे हैं। जिस जगह शौचालय बना हुआ है वहां के आसपास के लोगों ने बताया कि उनकी स्थिति लंबे समय से खराब है। कुछ लोगों ने शौचालय पर कब्जा जमाया हुआ
है। गोदाम से पानी की थैली के कट्टे खरीदकर इसमें रखे जाते हैं और यहां से दुकानों पर सप्लाई किया जाता है। कुछ कट्टो को शौचालय में ही खोल दिया जाता है। थैलियों को बर्फ से ठंडा करके सड़कों पर बेचा जाता है। शौचालय के गेट पर स्वच्छ भारत अभियान का नारा लिखा हुआ है, लेकिन निगम स्वच्छता रैंकिंग में किस तरह से पिछड़ रहा है। इसकी बानगी यह शौचालय है।
है। गोदाम से पानी की थैली के कट्टे खरीदकर इसमें रखे जाते हैं और यहां से दुकानों पर सप्लाई किया जाता है। कुछ कट्टो को शौचालय में ही खोल दिया जाता है। थैलियों को बर्फ से ठंडा करके सड़कों पर बेचा जाता है। शौचालय के गेट पर स्वच्छ भारत अभियान का नारा लिखा हुआ है, लेकिन निगम स्वच्छता रैंकिंग में किस तरह से पिछड़ रहा है। इसकी बानगी यह शौचालय है।
मैंने खुद इस शौचालय का दौरा किया था। उसकी स्थिति बहुत ज्यादा खराब है। शौचालय के अंदर थैली बंद पानी के कटे रखे हुए थे। वहां पर कोई व्यक्ति । मौजूद नहीं था। इसकी शिकायत मैंने निगम के संबंधित अधिकारियों से की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। बिना निगम अधिकारियों की मिली भगत के कोई व्यक्ति कैसे पानी के कट्टे शौचालय में रख सकता है।
साजिद खान, पार्षद, कर्दमपुरी ।
साजिद खान, पार्षद, कर्दमपुरी ।
यह मामला मेरी जानकारी में नहीं है। मैं इसकी जांच करेंगे। अगर कोई निगम अधिकारी इसमें लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दीपक शिंदे, निगम उपायुक्त शाहदरा उत्तरी जोन।
दीपक शिंदे, निगम उपायुक्त शाहदरा उत्तरी जोन।
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